जोबनेर ग्रामीण। नदी से नदी जोडो़ अभियान के तहत् कालख बांध में पानी लाने की मांग को लेकर बुधवार को कालख बांध संघर्ष समिति कि बैठक कालख बांध पर आयोजित हुई। विधानसभा चुनावों से पहले ही कालख बांध भराव संघर्ष समिति के लगातार प्रयासों ने सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए कालख बांध में पानी लाने की मांग को झोटवाड़ा विधानसभा का सबसे बड़ा मुद्दा बनाकर सामने खड़ा कर दिया। प्रत्येक गांव और ढा़णी से कालख बांध में पानी लाने की मांग जोरदार तरीके से उठ रही है। कालख बांध संघर्ष समिति के सदस्य गांव-गांव में जाकर कालख बांध में पानी लाने की मांग को लेकर जनजाग्रति अभियान चला रहे हैं। समिति के सदस्य आगे के कार्यक्रम को लेकर रणनीति तैयार करने में जुटे हुए हैं। केन्द्र और राज्य सरकार का ध्यान कालख बांध की ओर आकर्षित करने के लिए 11 नवंबर को कालख बांध पर 51 हजार दीपक जलायें जायेगें। जिसको लेकर 500 वोलेंटियर्स तैयार किये जा रहे हैं। समिति के सदस्यों ने कहा कि कालख बांध में पानी लाने की मांग को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़गें। जब तक कालख बांध में पानी नहीं आ जाता तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हमारे क्षेत्र में बिना पानी के खेती बंद के कगार पर पहुंच गई है। केन्द्र और राज्य दोनों सरकारों से हमारी मांग है,कालख बांध में पानी लाये। लगातार गिरता जल-स्तर आज सभी के सामने बड़ी चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। खेती करना तो दूर की बात हो गई गर्मियों के दिनों में पीने के पानी मिलना भी मुश्किल हो गया। कई गांवों मे तो टैंकरों के द्वारा भी 4-4 दिन से नम्बर आता है। पानी नहीं होने के कारण चारे के भाव आसमान छू रहे है। गांवों के लोंग बेरोजगार हो गये है,काम की तलाश में शहरों की ओर बड़ी संख्या में पलायन कर रहे है। जो किसान लम्बे समय से खेती पर आश्रित थे,अब वो किसान कहां जायें। उनके लिए दूसरा काम करना भी एक बहुत बड़ी चुनौती बन गया है। इस दौरान दीनदयाल जाखड़, छोटूराम कुमावत पेमाराम सेपट,रविन्द्र कुमार यादव,दुर्गालाल कुमावत,कैसी दास, रूपनारायण चौधरी,पोखरमल चौधरी,रामसहाय नागा,सुनिल कुमावत सहित आदि लोंग मौजूद थें।