तुर्किये (पुराना नाम तुर्की) में सोमवार सुबह भूकंप के 3 बड़े झटकों से भारी तबाही हुई। पहले भूकंप की तीव्रता 7.8 तीव्रता थी। इससे सबसे ज्यादा नुकसान अंकारा, नूरदगी शहर समेत 10 शहरों में हुआ। तुर्किये के कुछ सेकेंड बाद सीरिया, लेबनान और इजराइल में भी भूकंप आया।
न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, तुर्किये में अब तक 76 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। 440 लोगों के घायल होने की खबर है। वहीं, सीरिया में 237 लोग मारे गए और 639 जख्मी हैं। इस तरह अब तक इन दो देशों में मरने वालों की संख्या 313 हो गई है। दोनों देशों में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती हैं, क्योंकि अभी भी कई लोग मलबे के नीचे दबे हैं। हालांकि, लेबनान और इजराइल से फिलहाल किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।
तुर्की का नाम अब तुर्किये हो गया है। राष्ट्रपति रिसेप तैयप एर्दोआन की सरकार ने इसके लिए कोशिश शुरू की थी। नए नाम तुर्किये को UN ने मान्यता दी है।
पहले नक्शे से समझिए.... भूकंप कहां आया
भूकंप का एपि सेंटर तुर्किए का गाजियांटेप शहर रहा। यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर है। इसलिए इसके आसपास के इलाकों में ज्यादा तबाही हुई।
तुर्किये में 30 मिनट में लगातार 3 बड़े भूकंप आए... सबसे ज्यादा तबाही यहीं
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक, पहले भूकंप का केंद्र तुर्किये के कहरामनमारस प्रांत के गाजियांटेप शहर से 30 किलोमीटर दूर और जमीन से करीब 24 किलोमीटर नीचे था। लोकल समय के मुताबिक, ये भूकंप सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर आया।
6.7 तीव्रता का दूसरा झटका 11 मिनट बाद यानी 4 बजकर 28 मिनट पर आया। इसका केंद्र जमीन से 9.9 किलोमीटर नीचे था। इसके 19 मिनट बाद यानी 4:47 बजे 5.6 तीव्रता का तीसरा भूकंप भी आया। कई लोगों के मलबे में दबे होने और मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
अब फोटो में देखिए तबाही...
ये फुटेज तुर्किये के गाजियांटेप शहर की है। यहां मलबे से एक व्यक्ति को निकाला गया।
कहरामनमारस शहर में रेस्कियू ऑपरेशन जारी है। CNN के मुताबिक, एक हजार रेस्क्यू वॉलेंटियर्स को मदद के लिए भेजा गया है।
गाजियांटेप शहर की एक बिल्डिंग। यह बिल्डिंग पूरी तरह धराशायी हो गई।
राहत और बचाव कार्य के लिए सेना को तैनात किया गया है। इस तस्वीर में सैनिक मलबे से लोगों को निकालते हुए दिख रहे हैं।
नूरदगी शहर में मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
ये तस्वीर एर्बिल शहर की है। यहां भूकंप आने के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए।
ये तस्वीर डियर्बकिर शहर की है। यहां 15 इमरातें तबाह हो गईं।
तुर्किये के मालट्या प्रांत में 130 इमारतों के तबाह होने की खबर है।
तुर्किये के मीडिया के मुताबिक, भूकंप के बाद नैचुरल गैस की पाइपलाइन में फट गई। इसके बाद पाइपलाइन में आग लग गई।
सीरिया-तुर्की सीमा के पास इदलिब प्रांत के अस्पतालों में घायलों का इलाज किया जा रहा है।
सीरिया में ट्रेन सेवाएं रद्द, 40 सेकेंड तक झटके महसूस किए गए।
सीरिया के दमिश्क, अलेप्पो, हमा, लताकिया समेत कई शहरों में इमारतें गिरने की खबर है। ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी गई हैं। भूकंप से प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। यहां के कई इलाकों में लोगों ने बताया कि करीब 40 सेकेंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए।
भूकंप के बाद सीरिया के दमिश्क में लोगों को जान बचाने के लिए यहां-वहां भागते देखा गया।
ये अजाज शहर की तस्वीर है। यहां लोगों ने बताया कि करीब 40 सेकेंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए।
ये वीडियो अल-दाना शहर का है। यहां एक अस्पताल ढह गया। मलबे में दबे लोगों को मुश्किल से निकाला गया।
अजमरीन शहर में पेट्रोल पंप के पास एक इमारत गिर गई। मलबे में लोगों को ढूंढा जा रहा है।
100 साल बाद आया इतना खरतरनाक भूकंप
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक, तुर्की-सीरिया भूकंप में अब तक एक हजार लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों का आंकड़ा 10 हजार तक पहुंच सकता है। इसके पहले 1939 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें 30 हजार लोगों की मौत हुई थी। 1999 में तुर्किये 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 845 लोगों की मौत हो गई थी।
2017 में आया था क्रॉस-बॉर्डर भूकंप
2017 में ईरान-इराक में क्रॉस-बॉर्डर भूकंप आया था। इराक के कुर्दिश शहर हलाबजा से इरान के कर्मानशाह प्रांत में झटके महसूस किए गए थे। इसमें 630 लोगों की मौत हुई थी। 8 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
दुनिया में हर साल 20,000 हजार भूकंप आते हैं
हर साल दुनिया में कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इंफोर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20,000 भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। भूकंप कुछ सेकेंड या कुछ मिनट तक रहता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। यह भूकंप 10 मिनट तक रहा था।
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